निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 14 जून 2025

लेखन छेड़खानी

›
यूं ही कुछ लेखन लिए कद्रदानी अक्सर करता है लेखन छेड़खानी आवश्यक नहीं पहल करे रचनाकार कुछ प्रबुद्ध टिप्पणी शाब्दिक चित्रहार शब्दों की भावहोली ...
शुक्रवार, 13 जून 2025

आपका लेखन

›
 लिख-लिखकर लुभाई हैं, हिसाब दीजिए सभी पात्र हों प्रसन्न वह किताब दीजिए परिपक्वता के लेखन में है अद्भुत मिठास भाव भव्यता के खेवन में है शब्दय...
गुरुवार, 12 जून 2025

बोइंग अहमदाबाद

›
 सब चैनल की एक ही बातें बोलें बाद में पहले तो जांचे अहमदाबाद ड्रीमलाइनर हादसा अग्निपाश 242 आत्मा आसका दुर्घटना या षड्यंत्र मन नाचे बोलें बाद...
बुधवार, 11 जून 2025

शब्द कर्म

›
 चेतना को चुगने का प्रयास हो रहा जो भी हो रहा है सायास हो रहा उन्नत हैं बीज खेत लहलहा उठेंगे खेतों में बीज न अनायास बो रहा स्व विवेक मरेगा त...
मंगलवार, 10 जून 2025

›
आंतरिक ऊर्जा का उन्नयन धार है प्रचंड वेगवाहक होता जब प्यार है धरा से व्योम तक भावना का अर्चन प्यार की छवि दिखे वायु बने दर्पण ऐसे योगियों सम...
रविवार, 8 जून 2025

नीना गुप्ता

›
 नीना गुप्ता बीते 66वें जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, पूर्ण अपरिचित हैं एक-दूसरे के लिए बस इतना जाना मीडिया ने जो बताया, आजकल भी  मीडिया ब...
1 टिप्पणी:

व्यक्तित्व

›
 लोग झूठ बोलते हैं शायद डर गए हैं व्यक्तित्व रुपहला भीतर से मर गए हैं देखा है जमाने की भीतर की दुनिया बाहर क्षद्म रूप और वह तर गए हैं एक परद...
2 टिप्‍पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.