निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

गुरुवार, 4 जुलाई 2024

सांझ सूरज

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 किसी के सांझ की पश्चिमी सूरज लालिमा पलक आधार बन कर रहें मुग्धित तिरोहित पवन कुछ शीतल झोंके से है रही ढकेल  श्याम परिधान में आगमन श्यामल पुर...

टी 20

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 टी20 विश्वकप वर्ष 24 विजेता नाबाद समर्पित प्रतिभा का विश्वव्यापी निनाद एकल प्रदर्शन ले अपने कौशल का साथ दीवानगी इतनी कि प्रभावित दर्शक हाँथ...

बाधित

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  केबल ही बंद कर दिए तरंगें बाधित यह श्राप नया है प्रौदयोगिकी बाधित   कर दिए ब्लॉक मनोभाव की शुष्नुमाएं नाड़ियां स्पंदित भाव सोच कहां...
बुधवार, 3 जुलाई 2024

कहानी

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  मुझको अपने वश कर ले , जिंदगानी गलियां कूचे बोल रहे , मेरी ही कहानी   पतझड़ में रुनझुन , खनके सावन गीत वर्षा रिमझिम में , विरह तके म...
सोमवार, 1 जुलाई 2024

कविताएं

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  पीड़ा है बीड़ा है कैसी यह क्रीड़ा है मन बावरा हो करता बस हुंकार पास हो कि दूर हो तुम जरूर हो कविताएं अकुलाई कर लो न प्यार   अगन की दह...

हिंदी-उर्दू

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  हिंदी एक भाषा एक सभ्यता एक संस्कृति उर्दू हिंदी श्रृंगार भला इससे कैसे सहमति   भाषा का विकास , विन्यास , अभ्यास जरूरी विभिन्न हिंद...
रविवार, 30 जून 2024

दर्द

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  यह नहीं कि दर्द मुझ तक आता नहीं दर्द की अनुभूतियों का मैं ज्ञाता नहीं शिव संस्कृति का अनुयायी मन बना काली के आशीष बिन दिन जाता नहीं ...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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