निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 1 अप्रैल 2023

हवा का तमाशा

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 लौ रही फड़फड़ा दिये का तकाजा है हर कोई उड़ रहा हवा का तमाशा है गलियों में रहा गूंज अबोला सल्तनत बूटों का कदमताल लगे गाजा-बाजा है मियाद वक़्त की...

ऑनलाइन प्यार

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 ऑनलाइन प्यार चाहतें बूंद सी माथे पे चमक जाती हैं जब भी वह ऑनलाइन नजर आती हैं न जाने कौन होगा चैट हो रही होगी एक चाह कई मंजिल डगर जाती है अप...

मन के बरसाने में

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 मन के बरसाने में संशय के आंगन में क्या भरमाने में एक बार भींगो तो मन के बरसाने में तर्क कसौटी तो लगती दायित्व चुकौती कर्म ताप पर लगता सुलझे...
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तरल लहरिया

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 तीरे-तीरे तरल लहरिया भरने को आतुर हैं गगरिया तट की मिट्टी सोख रही ना जाने कब आएं सांवरिया अकुलाया दिन पनघट ताके सूनी-सूनी पड़ी डगरिया लहरों ...
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उठे बवंडर

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मिश्री घुली नमी हवा की संदली हवा उल्लास है कौन दिशा से आया झोंका महका कोई कयास है पत्ते सा दिल झूम उठा मंजरियों में विश्वास है आकर्षण से बंध...
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सोमवार, 20 मार्च 2023

गौरैया की दो रचनाएं

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 विश्व गौरैया दिवस पर : दो रचनाएं तब।           और।     अब सोनचिरैया।           सोनचिरैया मेरी गौरैया।          किसकी गौरैया मन मुंडेर।     ...
मंगलवार, 14 मार्च 2023

दोहा

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 दोहा अपने दिल के कांच में,कहां-कहां है सांच प्रणय निवेदन से पहले,उसको लीजै बांच कितनी पड़ी किरीच है,चश्मा स्क्रैच सा नात दिल भी शीशा नतकर,यह...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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