प्रणय दिवस पर होता अभिमान है
दिल से दिल का होता सम्मान है
नयनों से नयनों का प्रणय वंदन
अभिलाषाओं का हो विनय क्रंदन
धरा रुपहली व्योम मौन गान है
दिल से दिल का होता सम्मान है
हो जाता आसक्त मन रहे अव्यक्त
प्रणय दिवस ही रंगजाता दो भक्त
प्यार सृष्टि का सुंदर अमृतपान है
दिल से दिल का होता सम्मान है
प्यार की आराधना का है वार्षिकोत्सव
वेलेंटाइन डे से पहले भी था प्यार उत्सव
पाश्चात्य दिन निधारण कार्य महान है
दिल से दिल का होता सम्मान है।
धीरेन्द्र सिंह
13.02.2025
16.04