प्यार की परिणीति होती है आध्यात्म
ब्लॉक हैं तो ना सोचिए प्यार समाप्त
तेवर, कलेवर, अहं, सुनी-सुनाई बात
लोग चाहें डुबोना करते हैं मीठे घात
सोच प्रभावित होती कुछ होते उत्पात
ब्लॉक हैं तो ना सोचिए प्यार समाप्त
पर्वत सी धीरता, गंभीरता बहुत जरूरी
प्यार में कभी होती नहीं जी हुजूरी
जिसने किया ब्लॉक होगी त्रुटि ज्ञात
ब्लॉक है तो ना सोचिए प्यार समाप्त
प्यार हो गया तो वह ना चुक पाता है
नए आकर्षण पर व्यक्ति झुक जाता है
फिर आकर्षण में ना मिठास ना बात
ब्लॉक है तो ना सोचिए प्यार समाप्त
समय लौटता इतिहास भी दोहराता है
प्यार खो गया सोच मन घबड़ाता है
पुनरावर्तन, प्रत्यावर्तन से सृष्टि नात
ब्लॉक हैं तो ना सोचिए प्यार समाप्त।
धीरेन्द्र सिंह
18.06.2024
04.49
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