निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

बुधवार, 30 जुलाई 2025

रीता है

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 सब लोग कहें कुशल-मंगल सब बीता है कौन जाने किसके जीवन में क्या रीता है सभी प्रयास सभी सावधानियां नियमावली बढ़ते कदम अथक पर घुमाती रही वही गली...
मंगलवार, 29 जुलाई 2025

भूंरी पत्ती

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हवा के झोंके से आ गयी चिपक भूंरी सी कम नमी वाली वह पत्ती चिहुंक मन जा जुड़ा वहीं पर फिर जहां जलती ही रहती भाव अगरबत्ती थोड़ी कोमल थोड़ी खुरदुरी...
सोमवार, 28 जुलाई 2025

अविरल

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 हरे पत्ते पर तैरता दीया लय में बहती लहरें मंथर भाव मेरे दीपक मान लो और तुम लहरों सी निरंतर समय हवा सा बहते जाता दीया की लौ लचक धुरंधर आस्था...
रविवार, 27 जुलाई 2025

ज्योति कालरा

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 उम्र वरिष्ठता की सोच धर्म अब आसरा 53 वर्ष में करती हैं मुग्ध ज्योति कालरा न तो उम्र छुपातीं न रंग बाल हैं छकाती स्वयं पर ध्यान विशिष्ट स्वा...
शनिवार, 26 जुलाई 2025

हिंदी अज्ञानी

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 अपशब्द कहिए हिंदी साहित्यकारों को हिंदी में नया सार्थक करना कठिन है गुटबंदी, चाटुकारिता विभिन्न विशेषण सत्तर के दशक से हिंदी के यही दिन है ...

घूंघट

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 बौद्धिकता में निहित नव हर्षिता मनुष्यता का मुकुट है पारदर्शिता बुद्धिमत्ता से संबंधों में भी घूंघट विरले ही खुलकर जीते अर्पिता स्पष्ट प्रदर...
शुक्रवार, 25 जुलाई 2025

क्षमायाचना

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 कड़वाहट भरे शब्द से दिया धिक्कार "समय नहीं मिला" था उनका प्रतिकार लंबा लिख अंग्रेजी में हम कुपित हो गए "सॉरी" अंग्रेजी म...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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