निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

देह

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 नेह-नेह दृष्टि है देह-देह सृष्टि है मन की बात हो भाव का नात हो चाहत की वृष्टि है देह-देह सृष्टि है बातें सभी हो जाएं देह चुप हो सुगबुगाए दे...
रविवार, 23 फ़रवरी 2025

प्यार दोबारा

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 तब जला था दीप प्यार जब राह ढल पड़े थे किसने किए प्रयास कहां दो हृदय मिल पड़े थे कामना का मांगना जारी याचना राह बल पड़े थे क्षद्म हवा इतनी लुभा...
शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

मस्त कलंदर

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 बस आप ही नहीं समंदर सभी ने छुपाया मन अंदर यह दुनिया का उपहार है व्यक्ति बन जाता है जंतर अधूरी हैं अक्सर अभिलाषाएं जीवन भूलभुलैया जंतर-मंतर ...
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025

यात्रा

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 रात भर सड़क पर दौड़ते हुए सूरज को पा लेना रचनात्मक अभिव्यक्ति है एक आसक्ति है, तेज पहियों का घूमना इंजन की शांत कर्मठता राजमार्ग की गुणवत्ता ...
गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

मैं नारी

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  मैं नारी... हकीकत नहीं हूँ, स्वप्न हूँ स्पंदन हूँ क्रंदन हूँ अभिनंदन हूँ गनीमत हूँ हकीकत नहीं हूँ पुरुष रचित समाज नारी बस काज संवेदना सहेज...

प्रणय दिवस

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 प्रणय दिवस पर होता अभिमान है दिल से दिल का होता सम्मान है नयनों से नयनों का प्रणय वंदन अभिलाषाओं का हो विनय क्रंदन धरा रुपहली व्योम मौन गान...
बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

सुनो प्रिये

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 सुनो प्रिये, विस्तृत है प्रणय  हमारा गुनो हिए, कृतत्व है भ्रमण हमारा आदि अनंत में हो तुम ही  सहराही प्रकृति निखरती देख रमण तुम्हारा तुम में...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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