निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

सोमवार, 18 नवंबर 2024

सर्द पंक्तियां

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 सर्द-सर्द पंक्तियां क्यों हमारे दर्मियाँ चाह की चाय आह की चुस्कियां गर्माहट मंद हुई क्यों हमारे दर्मियाँ सर्द-सर्द पंक्तियां क्यों हमारे दर...
रविवार, 17 नवंबर 2024

सर्दी

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 सर्दियों की दस्तक है गर्माहट ही समीक्षक है मौसम के कई प्रश्नपत्र सिहरन बनी अधीक्षक है सर्द हवाएं त्वचा बेचैन गर्म वस्त्र लकदक हैं दिन पीछे ...
शनिवार, 16 नवंबर 2024

नेतृत्व

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 नेतृत्व -  नेतृत्व विश्वमयी मानव तत्व पर छाते अंधियारे विश्व किसको डांटे कुनबा-कुनबा निज अस्तित्व, नेतृत्व-नेतृत्व युद्ध कहीं चल रहा कहीं आ...
बुधवार, 13 नवंबर 2024

यद्यपि

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 यद्यपि तुम तथापि किन्तु वेगवान मन कितने हैं जंतु विकल्प हमेशा रहता सक्रिय लेन-देन भावना अति प्रिय आकांक्षाओं के अविरल तंतु वेगवान मन कितने ...
सोमवार, 11 नवंबर 2024

तल्लीन

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 तल्लीन सब हैं अपने-अपने स्वप्न संजोए कुछ बोए, कुछ खोए; खींचते जा रहा जीवन परिवर्तित करते कभी मार्ग कभी भाग्य झरोखे से आती संभावनाएं छल रही ...
रविवार, 10 नवंबर 2024

पगला

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 प्यार कब उथला हुआ छिछला हुआ है प्यार जिसने किया वह पगला हुआ है एक धुन की गूंज में सृष्टि मुग्ध हर्षित एक तुम हो तो हो अस्तित्व समर्पित जिसन...
शनिवार, 9 नवंबर 2024

छंट रहे

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 जाने कितना झूमता ब्रह्मांड है मस्तिष्क भी तो सूर्यकांत है ऊर्जाएं अति प्रबल बलिहारी भावनाएं इसीलिए आक्रांत है दीख रहा जो दीनता का प्रतीक पा...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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