निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

रविवार, 21 जुलाई 2024

सावन की बरसात-दृश्य, अनुभूति

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बरसात नहीं हो रही थी बदलियों बेचैन थीं हवा मद्धम थी छाता लेकर निकल पड़ा दैनिक चहलकदमी, सावन का पहला दिन बूंदें थीं गिन-गिन, बदलियों सोच रही थ...
शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

तेजस्विता

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कौन देखता है नारी की ओजस्विता गृहस्थी में भरती निरंतर तेजस्विता   चहारदीवारी में कर अभिनव चित्रकारी घर निर्मित करती सदस्य हितकारी ...

पूछे दिल

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आपकी अदा सदा रहती बुदबुदा अक्सर पूछे दिल फिर से बता एक संगीत धुन सी लगें गुंजित ध्यान हो धन्य अदा में समाहित जैसे भित्ती चढ़ती बलखाती लता अक्...

देशभक्ति

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 राष्ट्रप्रेम व्यक्तित्व शौर्य जतलाएं सीमाओं को सुरक्षित करते जाएं एक युवक नहीं पूरा परिवार है योद्धा सभी क्षत्रीय धर्म ही निभाएं एक युवती फ...
गुरुवार, 18 जुलाई 2024

सुई और कालीन

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 सूई से  कालीन के मैले तागे उकेरे जाते हैं तो जुलाहा बोल पड़ता है बिगड़ रहा है संतुलन सूई का  कैसा यह चलन, चुप हैं सब भदोही उद्यमी, जुलाहा बुन...
बुधवार, 17 जुलाई 2024

कैसा विचार

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  टहनी पर पैर जड़ पर प्रहार पकड़ बनाए कैसा यह विचार   लकड़हारा है या जंगल लुटेरा मतिमारा है या अकल जूझेरा और कब तक है यह स्वीकार पक...
सोमवार, 15 जुलाई 2024

फोन

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 “प्लीज बी इन टच” फोन करते रहिएगा ऐसा कोई बोले फोन कभी ना करिएगा अपने पद की गरिमा के हैं सुप्त अरुणिमा सेवानिवृत्ति के बाद भी चाहें वही महिम...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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