निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

बुधवार, 13 दिसंबर 2023

कलर स्मोक

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 गुजर गए द्वार से सुरक्षा ने ना छुवा जूता से कलर स्मोक से हो गया धुवाँ दो बाहर को किए धुवाँ दो संसद में सांसदों ने पकड़ा जोश मिले भय में दर्श...
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मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

किसान

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 माघ सीवान में कटकटाए रतिया रजाई ढुकाय हड़बड़ाए तोरी बतियां खड़ी फसल देख नय-नय मुस्काएं सरर-सरर हवा देह को लहकाएं ओस-ओस ओढ़ कांपे हैं पतियां रजा...
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सोमवार, 11 दिसंबर 2023

गई कहां

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 मन के भाव, मारे बूझबूझ कलइयां मन अकुलाए कहे, गयी कहां गुइयाँ भव्यता की भीड़ में आलीशान नीड़ है सभ्यता के रीढ़ में बेईमान पीर है भावनाएं सौम्यत...
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रविवार, 10 दिसंबर 2023

प्रीत बहुरागी

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 रचित है रमित है राग अनुरागी कथित है जनित है प्रीत बहुरागी व्यंजना में भावों की कई युक्तियां कामनाओं की नित कई नियुक्तियां पहल प्रयास निस अस...
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गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

भावों की क्यारी

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 कितने नयन निकस गए कसने की बारी में  मिली तुम बहुत देर से भावों की क्यारी में कहे समाज दृष्टि ब्याहता, यह पारिवारिक कदम बढ़ गए पक क्या यह है ...
बुधवार, 6 दिसंबर 2023

चेतना

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 चेतना में जड़ता या जड़ता में चेतना दृष्टि का कार्य यही इनको है भेदना विश्व में निर्माण या निर्माण से निर्वाण ज्ञानियों की बातों में दिखते कई ...
मंगलवार, 5 दिसंबर 2023

समय

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  बहुत जी लिए ऐसे जीवन को कसके समय जा रहा छूकर यूं हंसते - हंसते   कभी दिल न सोचा सौगात क्या है हसरती दुनियादारी की औकात क्या है ...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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