निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

मंगलवार, 22 अगस्त 2023

एक तुम हो

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  सुहाने होते मौसम में भाव पुष्प खिल जाएं युक्ति , चाह हो ऐसी वाह! कहीं मिल जाएं   सदियों से यह कहते प्रणय भाव झुक जाए एक तु...
रविवार, 20 अगस्त 2023

फोटो

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 कविताओं को पढ़कर दृष्टि पहुंचती है अंतिम पंक्ति पर, नीचे छपा रहता है रचनाकार का फोटो, पाठक मन ढूंढता है काव्य भाव प्रकाशित रचनाकार के चेहरे ...
शनिवार, 12 अगस्त 2023

झूठे

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प्यार कहां टूटता रिश्ते हैं टूटे भूल गई झूठी बोलें हर झूठे चाह के हर शब्द, लगें प्रारब्ध कितनी हरकतें, कर रहीं स्तब्ध भावनाएं वहीं, हां तुम ...

हो जाएंगे हताश

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 देह के द्वार पर प्यार की तलाश युग रहा असफल हो जाएंगे हताश एक झंकार पकड़ती हैं अनुभूतियां भाव फ़नकार में मिलें यह रश्मियां मुक्त गगन है नहीं, ...
बुधवार, 19 जुलाई 2023

विरह गीत

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मुझसे मुझको कहने का अधिकार छीन लिया कैसे वह, दब प्रतिकार स्व की स्वरांजलि, नव भाव लिए परकाया समझा था, कब स्वीकार वातायन था मन, कलरव गुंजित क...
1 टिप्पणी:
मंगलवार, 18 जुलाई 2023

सावन

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 मेघों की मस्तियाँ व्योम भरमा गयी आया सावन कि सलोनी शरमा गयी वनस्पतियों में अंकुरण का जोर है पहाड़ियां कटें संचरण में शोर है मेरी बालकनी देख ...
मंगलवार, 11 जुलाई 2023

चितेरा

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 एक सुंदर एहसास सा तेरा अपरिभाषित होने का घेरा सिर्फ अनुभूतियों में ध्वनित बोल न कौन तेरा है चितेरा धरती, अम्बर, बादल, चांद यह सब छुपने के ह...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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