निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 12 अगस्त 2023

झूठे

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प्यार कहां टूटता रिश्ते हैं टूटे भूल गई झूठी बोलें हर झूठे चाह के हर शब्द, लगें प्रारब्ध कितनी हरकतें, कर रहीं स्तब्ध भावनाएं वहीं, हां तुम ...

हो जाएंगे हताश

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 देह के द्वार पर प्यार की तलाश युग रहा असफल हो जाएंगे हताश एक झंकार पकड़ती हैं अनुभूतियां भाव फ़नकार में मिलें यह रश्मियां मुक्त गगन है नहीं, ...
बुधवार, 19 जुलाई 2023

विरह गीत

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मुझसे मुझको कहने का अधिकार छीन लिया कैसे वह, दब प्रतिकार स्व की स्वरांजलि, नव भाव लिए परकाया समझा था, कब स्वीकार वातायन था मन, कलरव गुंजित क...
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मंगलवार, 18 जुलाई 2023

सावन

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 मेघों की मस्तियाँ व्योम भरमा गयी आया सावन कि सलोनी शरमा गयी वनस्पतियों में अंकुरण का जोर है पहाड़ियां कटें संचरण में शोर है मेरी बालकनी देख ...
मंगलवार, 11 जुलाई 2023

चितेरा

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 एक सुंदर एहसास सा तेरा अपरिभाषित होने का घेरा सिर्फ अनुभूतियों में ध्वनित बोल न कौन तेरा है चितेरा धरती, अम्बर, बादल, चांद यह सब छुपने के ह...
बुधवार, 28 जून 2023

प्यार

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 बादलों को पर्वतों से अनुराग है या बताएं प्यार में तो त्याग है तपन में जल संचयन आराधना मनन सृष्टि वृष्टि से है थामना बादलों का यह अनोखा राग ...

धुली सुबह

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मुस्कराती धुली सुबह शीतलता संग बह बालकनी को दुलारे शालीनता में मह धो लिए पाप सारे व्यक्तिगत हालात सह एक ताज़गी समेटे बारिशों के सह पर्वत,मकान...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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