निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

मंगलवार, 14 मार्च 2023

दोहा

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 दोहा अपने दिल के कांच में,कहां-कहां है सांच प्रणय निवेदन से पहले,उसको लीजै बांच कितनी पड़ी किरीच है,चश्मा स्क्रैच सा नात दिल भी शीशा नतकर,यह...
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धरा

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धरा की धमनियों में कितना रिसाव माटी से पूँछें तो जल तक पहुंचाए भू खनन , वृक्ष गमन , निर्मित अट्टलिकाएँ एक अक्षत ऊर्ज...
सोमवार, 6 मार्च 2023

मने होली

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  चुटकी प्यार भरी रंगबोली नयन सहकार दो , मने होली   कई रंगदार हैं , अंदाज़ लुभावन भाव पिचकारी , गगम भर सावन चेहरे टपक रहे , रंगपू...
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शनिवार, 4 मार्च 2023

फुरसतिया हूँ

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 गंगाजल में पुष्पित तैरती लुटिया हूँ हां मैं फुरसतिया हूँ भाषा रही भरभरा जेठ दुपहरिया  आशा विश्वभाषा हिंदी हो चुटिया इस षड्यंत्र का मैं खूंट...
गुरुवार, 2 मार्च 2023

फागुन गीत

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अस्तित्व ही घुल जाए आपकी बातों, ठिठोली में अब कैसा कोई रंग चढ़े मुझपर इस होली में शब्द सधे सब रंग गहे तरंग, उमंग शब्द डोली में अभिव्यक्त का उ...

इस होली में

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हिचके रंग गुलाल , देख गुलाबी गाल ना सोचें नारी ही , रखतीं सुर्खाबी ताल पुरुष गाल रंग जाएं , फागुनी ठिठोली में नारी उमंग उत्साही ,...
बुधवार, 1 मार्च 2023

होली

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 होली भींगी दरस तुम्हारी गुईंया अबकी होली रंगदारी में नस-नस भींगे अकुलाए कैसी लगन रसदारी में नैन चैन सब छीने तकते अंखियन की गुलकारी में जैसे...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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