Nijatata काव्य

शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025

भक्ति भाव

भक्ति में डूबी वह बोलीं

हम कुछ दूरी रखते हैं

मैंने कहा जिसे मन चाहा

हम तो करीबी रखते हैं


धन्यवाद कर प्रणाम इमोजी

बोलीं भाव कदर करते हैं

पढ़कर रहे सोचते  हम

भक्ति किसे सब कहते हैं


उन्होंने कहा करीबी गलत

खुद पर कंट्रोल रखिए

भक्ति कंट्रोल संग हो कैसे

अचल हैं क्या जी, कहिए


भक्ति में अब भी लिंगभेद

पुरुष-स्त्री विभक्त रहिए

मन कहां वश में जानें

साधना और गहन करिए।


धीरेन्द्र सिंह

24.10.2025

18.41

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