Nijatata काव्य

शनिवार, 26 अक्टूबर 2024

धूल जमी

 दीपावली से पहले घर की स्वच्छता

चाहिए लगनभरी लक्ष्यकारी उन्मत्तता


दीवारों पर धूल जमी उसकी हो सफाई

पानी-सर्फ घोल संग स्पंज की दौड़ाई

वैक्यूम क्लीनर की रहे सर्वोच्च इयत्ता

चाहिए लगनभरी लक्ष्यकारी उन्मत्तता


छोड़ देते कभी कर वादा गृह सज्जाकार 

मिलकर करते सफाई तब संग परिवार

कितनी निखर जाती यह संग संयुक्तता

चाहिए लगनभरी लक्ष्यकारी उन्मुक्तता


जग उठीं फिर घर की चहारदीवारी

दीपोत्सव पर्व के प्रकाश की लयकारी

कुछ दिन शेष ज्योतिपर्व उच्च महत्ता

चाहिए लगनभरी लक्ष्यकारी उन्मुक्तता।


धीरेन्द्र सिंह

25.10.2024

16.59 




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