एडमिन, मॉडरेटर संयुक्त यह समूह
पर किसी एक से स्पष्ट युक्ति समूल
रचना की सर्जना की प्रक्रिया समझ
अपनी प्रतिक्रिया देने में सुस्ती ना भूल
प्रेम यहीं हो जाता रचनागत संयोजन
एक के कारण लगे समूह सुगंधित फूल
रचनाकार हो पुलकित सर्जन नित करे
नित चाहे आत्मीयता और गहन अनुकूल
सिर्फ नाम परिचय शब्द निहित व्यक्तित्व
सर्जन की दुनिया का प्रोत्साहन समूल
ना जाने कब तक लहर नाव तादात्म्य
नित्य आप ही लगें दिग्दर्शक मस्तूल।
धीरेन्द्र सिंह
02.08.2024
08.35
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