निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

सोमवार, 18 अगस्त 2025

बरसात

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 बहत्तर घंटे से लगातार बरसात भोर नींद खुली भय के हालात लग रहा बादल फटा क्रोध जता बारिश की गर्जना मौन रतजगा भोर पांच तीस पर दूध का साथ भोर नी...
रविवार, 17 अगस्त 2025

प्रिए

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 तुम कहाँ हो लिए व्यथित हृदय कौन है अब धड़कन बना प्रिए तृषित अधर नमक चखें समर्थित बतलाओगी संख्या कितनी व्यथित अनुराग विस्फोटन को लिए दिए कौन ...

गज़ब

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 सुनो में एक हद हूँ और तुम बेहद बात इसमें यह भी मैं बेअदब हूँ और तुम संग अदब, है न गज़ब! हम में विरोधाभास पर मैं हताश और तुम आकाश बात इसमें य...

रिश्ते

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कुछ रिश्ते इतने रम जाते हैं कि न जाने कब मर जाते हैं झटके दर झटके भी है अदा रिश्ता है तो नोक-झोंक बदा कब अपने रिश्ते में भर जाते हैं कि न जा...
शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

गोविंद

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 कनखियों से गोपी भाव धमाल है माखन चोरी में अब कहाँ ताल है दही-हांडी महाराष्ट्र का एक स्वरूप धनवर्षा मुंबई में कृष्णोत्सव ढाल है गोविंदा की न...
गुरुवार, 14 अगस्त 2025

15 अगस्त

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 विश्व कहीं मस्त कहीं अस्तव्यस्त है भारत भी कहे भविष्य 15 अगस्त है विविधता में एकता ही प्रखर भवितव्य विभिन्नता में श्रेष्ठता ही अधर अमृत्व स...
बुधवार, 13 अगस्त 2025

क्रंदन

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 सौंदर्य की चंचलता पर संस्कारी बंधन इतना ना जकड़िए मन में होता क्रंदन रूपवती हैं, निगाहें मान लेती हैं गुणवती धुनमति हैं अदाएं जान लेती हैं द...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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