निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

बुधवार, 13 अगस्त 2025

क्रंदन

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 सौंदर्य की चंचलता पर संस्कारी बंधन इतना ना जकड़िए मन में होता क्रंदन रूपवती हैं, निगाहें मान लेती हैं गुणवती धुनमति हैं अदाएं जान लेती हैं द...
मंगलवार, 12 अगस्त 2025

यूट्यूब पाती

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 दूसरों की कविताएं चुन जब तुम थी गाती कहो क्या था, संदेसा या प्रेम यूट्यूब पाती मेरे भी गीत में की थी तुम कई परिवर्तन सुर, लय में बांध ली भा...

जुगलबंदी

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 लय में बंधी रहोगी धुन में बंधी रहोगी संगीत जीवन का दिया तुम्हारा सानिध्य गीत रचने लगे भाव रंग-रंग के खिलें  होता है ऐसा ही मन का मन से आतिथ...
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सोमवार, 11 अगस्त 2025

बालकृष्ण

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 भोला चित्ताकर्षक मनमोहक रूप मुग्धित दृष्टि लिए चुम्बकीय अनूप सृष्टि सहर्ष उत्कर्ष की है ललक लिए चांदनी लिपट गयी देख अद्भुत धूप मात-पिता शिश...
रविवार, 10 अगस्त 2025

जनकल्याण

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 सब कुछ बदल देंगे, कथ्य डंटा है यह राय है समय का, सत्य बंटा है एक हौसला से ही हो पाता फैसला कुछ बात है कि लगे हौसला छंटा है डैने पसारकर उड़ने...
शनिवार, 9 अगस्त 2025

सचेतक हुंकार

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 उत्सव है, खुशियां हैं, वस्त्रों की झंकार है भीड़ सुबह दुकानों पर उड़ रहा प्यार है यह भी एक चर्चा है त्यौहार बस पर्चा है रक्षाबंधन से प्रारंभ ...
1 टिप्पणी:
गुरुवार, 7 अगस्त 2025

संस्कार

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 जैसा देखा जीवन वैसा निर्मित आकार आदर्श, नैतिकता संग बनता है संस्कार कुछ परंपरा से मिली जीवन की आदत कुछ परिवेश से भी बढ़ जाती है लागत कुछ शिक...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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