निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

मंगलवार, 15 जुलाई 2025

किसलिए

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 हो आधा-आधा किसलिए जरूरत से ज्यादा किसलिए आपकी जागीर कब तलक यह शान लबादा किसलिए हर हलक में अनबुझी प्यास सांस का इरादा किसलिए जब तलक चल रहे ह...
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रविवार, 13 जुलाई 2025

अज्ञानी

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 क्या सत्य लूट लेगा क्या धर्म की गहनता यह मन बड़ा है छलिया मानव की सघनता कर्म प्रचुर दूषित विचारों में भी नहीं दृढ़ता व्यक्तित्व उलझा सा रह-रह...

प्यार न तर्क

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 प्यार करने को जी चाहे पर एज फर्क उनको कोई कैसे समझाए प्यार न तर्क बिन रिश्ते का यह बन जाता है रिश्ता बन जाता रिश्ता तो प्यार हैं सिंकता कौन...
शनिवार, 12 जुलाई 2025

पहली बारिश

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 जब पहली बारिश की बूंद मेरे चेहरे से टकराई हवा महक दौड़ी सरपट भर अंग सुगंध अमराई पहली छुवन तुम्हारी चमकी शरमाती सी घबड़ाई बारिश प्यार का मौसम ...
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लोकप्रियता

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 यह लोकप्रियता यह साख यह प्रसिद्धियाँ यह सक्रियता यह लाभ यह युक्तियाँ कर्म का है पक्ष जिसको नकारना कठिन व्योम में गुजर रही हैं असंख्य सूक्ति...
शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

नैतिकता

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 आदर्श अंतर्मन का संग्रहित सत्य सिद्धांत समय के ठोकरों से निर्मित अनुभव नैतिकता सामाजिक संचालन का अधिसंख्य सीकृति रूप, ऐसे में डोलता है, कां...
मंगलवार, 8 जुलाई 2025

न जाने कब

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 सोशल मीडिया खत्म करे दूरियां न जाने कब परिचित लगने लगता है एक अनजाना नाम एक अनचीन्हा चेहरा और बन जाता है प्यार का धाम, शब्द लेखन से होती अभ...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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