निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

आलिंगन दिवस

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  शब्दों का आलिंगन है भावनाओं का है ज्ञान वैश्विक आनिंगन दिवस आत्मीयता की पहचान देह ही क्या नेह है स्पर्श उत्कर्ष क्या मान शब्द कुशल संवाहक ...

लेटेंट

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 रणवीर इलाहाबादिया तुमने यह क्या किया माँ अमूल्य अविनाशी किस संस्कार में जिया इंडिया गॉट लेटेंट अभद्रता का है टेंट समय ने असमय किया किस समाज...
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सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

इजहार

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 #कुछ_तुम_लिखो_कुछ_हम_लिखे #दैनिक_प्रविष्टि #आज के विशेष रचनाकार अविनाश शर्मा     ✍️मेरे इजहार का अंजाम मिल जाता👌                      -- म...

साली जी

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 महाकुम्भ ना पहुंचा पत्नीजी घुड़कीं साली जी बोलीं आओ लगाएं डुबकी आमंत्रण की यह मिठास दी हुलास सड़क जाम देख हुई विचलित आस खिलते एक प्रस्ताव की ...

तन्हाई

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 गम की परछाइयाँ, साया बनी हैं मन की गहराईयां, माया बनी हैं तन्हाई का भी निराला सा अदब नभ में सिसकियां, छाया बनी हैं जोड़ डाला कई से पता ना चल...
शनिवार, 8 फ़रवरी 2025

रिश्ते

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 शीतलता सुगंध अद्भुत मलय है रिश्ते भी ऐसे असीमित वलय हैं प्रसिद्धि पहचान अद्भुत पनपना श्रेष्ठ सुंदर सुरभि का ले सपना कहीं से उलीचे कहीं का ल...
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

आधे-अधूरे

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 आधे-अधूरे ही रह गए होंगे बेबसी को भी सह गए होंगे एक जीवन को जीनेवाले ऐसे एक तिनके सा बह गए होंगे समय थपेड़ों सा बचना मुश्किल हासिल कुछ तो कर...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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