निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

बुधवार, 11 दिसंबर 2024

जीवन

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 जीवन एक प्यास एक आस एक तलाश पर क्या यह है सच? खरगोश सा है अधिकांश जीवन एक बनाई परिधि में निर्द्वंद्व भटकना और रहना प्रसन्न उसी परिवेश में ज...
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024

सीढियां

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 एक युवती घुटनों बल चढ़ रही थी सीढियां वह शक्ति नहीं था स्वभाव दे गई पीढियां कई वयस्क हांफ रहे थे चढ़ते हुए लगातार सदियों पुरानी, भारतीय पुरात...
गुरुवार, 5 दिसंबर 2024

झुरमुट

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 झुरमुटों को पंख लग गए हैं बिखरकर प्रबंध रच गए हैं हवा न बोली न सूरज बौराया अब लगे झुरमुट ही ठंस गए हैं झुनझुनाहट झुरमुटों का स्वभाव है झुंड...
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मंगलवार, 3 दिसंबर 2024

कवि सम्मेलन

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 शब्द किसी दायरे के रूप हो गए रचनाकार रचकर स्वयं अनूप हो गए दायरा यह शब्द का व्यक्ति का भी अनवरत जुगाड़ में यह रचनाकार सभी साहित्य गुट में गु...
रविवार, 1 दिसंबर 2024

निज गीता

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 मन के भंवर में तरंगों की असीमित लहरें कामनाओं के अनेक वलय लगे जैसे कृष्ण कर रहे हैं संचालित प्यार और युद्ध का एक अनजाना अंधड़, तिनके सा उड़ता...
शुक्रवार, 29 नवंबर 2024

कौन लिख रहा

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 कौन लिख रहा वर्तमान जो कहे प्यार की गोद में लेखक हैं पड़े व्यथा प्यार की, पीड़ा बिछोह का कथा यार की, बीड़ा न मोह का प्यार विशाल बतलाते मानव ढह...
बुधवार, 27 नवंबर 2024

कौन बड़ा

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 दिल कूद सामने बेचैन खड़ा हो गया पूछ बैठा प्यार से कौन बड़ा हो गया विश्व में जनित नव प्यार परिभाषा सत्य में घटित भाव श्रृंगार तमाशा संवेदना का...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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