निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

रविवार, 21 जनवरी 2024

रामजन्मभूमि

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  झंडों ने सड़कों को इजाजत दे दी भक्ति दे दिया और इबादत ले ली   आक्रमणकारी मुगल वंश का था दंश हमसे ही हमारा चुरा लिया था अंश मानस...
शुक्रवार, 12 जनवरी 2024

सुतृप्ता, अतृप्ता

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 सुतृप्ता, अतृप्ता, स्वमुक्ता सुतृप्ता एक नारी एक रचना एक कृति एक वृत्ति अतृप्ता एक क्यारी मति दुधारी नया तलाशती निस संवारती स्वमुक्ता एक अट...

नया क्या खिलेगा

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 मुझे इतना पढ़ ली नया क्या मिलेगा नया ना मिला तो नया क्या खिलेगा प्रहसन नहीं है प्रणय की यह डगर सर्जन नहीं है अर्जन की कहां लहर नवीनता में ही...
गुरुवार, 11 जनवरी 2024

स्वांग है

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 पहल का प्रथम प्रहर अनुराग है शेष तो बस संतुलित स्वांग है सत्य प्रायः रह जाता है अबोला असत्य ही प्रखर होकर है बोला सामाजिकता में निर्मित ऐसा...

प्यार का टर्मिनस

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 प्रणय का है होता किस उम्र में सुयश कोई तो बता दे प्यार का टर्मिनस बहुत ढूंढने पर प्यार तथ्य न मिला लोग कहते है जारी वही सिलसिला अंदाज अपने-...
बुधवार, 10 जनवरी 2024

तुम में

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 केशों में तुम्हारे शब्दों को सजाकर भावनाओं की कंघी से केश संवारकर कुछ गीत प्रणय के कर दूं तुम्हारे प्राण आत्मा की आत्मा से नींव बनाकर भावना...
मंगलवार, 9 जनवरी 2024

विश्व हिंदी दिवस

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 हिंदी विश्व दिवस कौन मनाता सहर्ष कागज का यह घोड़ा हिंदी का कहां उत्कर्ष एक शोर अनर्गल कहता है चल भाषा भाग्य विधाता भाषा पर मचल मोबाइल संचालन...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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