निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 30 दिसंबर 2023

सिरहाने

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  मैंने तुमको बांध लिया सिरहाने से जीवन उत्सव होता संग फहराने से   क्या घटता क्या बंटता समय आधीन क्या बचता कब फंसता कर्म आधीन पन...

मोहब्बत

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 एहसासों के गुलाबी तहमत खास सोहबत नहीं मोहब्बत छुवन में हो भावनाएं अनंत राह की कामनाएं जिस्म-जिस्म भी जहमत खास सोहबत नहीं मोहब्बत व्यक्तिव न...
शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

जिद

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  संवर जाने की जिद नयन जो किए बदन तब महक चमन हो गया पलकों की चांदनी छा गयी इस तरह लगन अलमस्त दहन हो गया   मन की बारीकियां होंठ प...

असर कर गए

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 इस तरह मन मेरे वह ग़दर कर गए महाभारत सा मुझपर असर कर गए युद्ध भावों का लंबे समय से है जारी युक्ति, छल, कपट की उनकी तैयारी मुझे चक्रव्यूह के ...
बुधवार, 27 दिसंबर 2023

गुजरिया

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 भाग्य के भंवर में प्यार की नगरिया मोहें पाश बांध ले राह की गुजरिया दिल दिलदार यह हो रहा है असरदार  मिल एक ठाँह भाव युग्म हो रसधार कहीं छांव...
मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

मिलती हो

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 तुम मुझे हवा की नमी में कहीं मिलती हो तब कहीं फूल सी हृदय खिली मिलती हो एक धर्म जिसका एक सा कर्म लिए प्रसार एक लक्ष्य सबका एक सा प्यार लिए ...
गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

मुक्ति

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 गज़ब है गवैया अजब है खेवैया समझे तो मुक्ति वरना मैया-मैया एक देता सुर का अपना ही तान संगीतज्ञ उलझे सुन यह कैसा ज्ञान करें साजिंदे मिल ता, ता...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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