निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

जिद

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  संवर जाने की जिद नयन जो किए बदन तब महक चमन हो गया पलकों की चांदनी छा गयी इस तरह लगन अलमस्त दहन हो गया   मन की बारीकियां होंठ प...

असर कर गए

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 इस तरह मन मेरे वह ग़दर कर गए महाभारत सा मुझपर असर कर गए युद्ध भावों का लंबे समय से है जारी युक्ति, छल, कपट की उनकी तैयारी मुझे चक्रव्यूह के ...
बुधवार, 27 दिसंबर 2023

गुजरिया

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 भाग्य के भंवर में प्यार की नगरिया मोहें पाश बांध ले राह की गुजरिया दिल दिलदार यह हो रहा है असरदार  मिल एक ठाँह भाव युग्म हो रसधार कहीं छांव...
मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

मिलती हो

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 तुम मुझे हवा की नमी में कहीं मिलती हो तब कहीं फूल सी हृदय खिली मिलती हो एक धर्म जिसका एक सा कर्म लिए प्रसार एक लक्ष्य सबका एक सा प्यार लिए ...
गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

मुक्ति

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 गज़ब है गवैया अजब है खेवैया समझे तो मुक्ति वरना मैया-मैया एक देता सुर का अपना ही तान संगीतज्ञ उलझे सुन यह कैसा ज्ञान करें साजिंदे मिल ता, ता...
सोमवार, 18 दिसंबर 2023

एक कहानी

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 महकते-चहकते यूं बन एक कहानी करे कोई याद तो बड़ी मेहरबानी किया क्या है जीवन को दे, सदा अपने ही पूछें किया क्या है, बता यह गलती नहीं पीढ़ी फर्क...
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चूनर-ओढ़नी

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 कोई गौर से पलक चूनर ओढ़ाके हक अपना जताकर फलक कर दिए हकबकाहट में दिल समझ ना सका भाव उनका कहे संग चल दे प्रिए सांझ चूनर ढली हम भी देखा किए चुं...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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