निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

सोमवार, 18 दिसंबर 2023

एक कहानी

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 महकते-चहकते यूं बन एक कहानी करे कोई याद तो बड़ी मेहरबानी किया क्या है जीवन को दे, सदा अपने ही पूछें किया क्या है, बता यह गलती नहीं पीढ़ी फर्क...
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चूनर-ओढ़नी

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 कोई गौर से पलक चूनर ओढ़ाके हक अपना जताकर फलक कर दिए हकबकाहट में दिल समझ ना सका भाव उनका कहे संग चल दे प्रिए सांझ चूनर ढली हम भी देखा किए चुं...
रविवार, 17 दिसंबर 2023

लहक चू गयी

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 पहुंचा जब गले तक, महक छू गयी लगा महुआ है टपका, लहक चू गयी देह के धामों में ऋचाएं हैं अनगिनत मातृत्व से प्रेयसी तक सब हैं नियत पढ़ना चाहा कुछ...
शनिवार, 16 दिसंबर 2023

ऐ हवा

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 मैं हूँ गगन का ठहरा एक बादल सुना ऐ हवा एक धुन मस्तानी तपिश प्यार का जल, शोषित किया हवा संग तुझसे है, पोषित किया अपनी यही एक जीवन कहानी सुना...

ग़ज़ल कर गयी

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  मुझे तुम सबल से सजल कर गयी सुनी जो नई वह ग़ज़ल कर गयी   कहा कब यह मन हो तुम गगन कहा कब यह जन हो तुम सपन सघन हो लगन अब तरल कर  Ea...
गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

व्यथा कथा

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  प्रीति अधर अकुलाए , रह - रह बुलाए प्रेम पेंग में अधमरी , बह - बह बौराए   उसकी बातें मन के छाते छांव दिए उसकी बाहें तन को बांधे भ...
बुधवार, 13 दिसंबर 2023

कलर स्मोक

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 गुजर गए द्वार से सुरक्षा ने ना छुवा जूता से कलर स्मोक से हो गया धुवाँ दो बाहर को किए धुवाँ दो संसद में सांसदों ने पकड़ा जोश मिले भय में दर्श...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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