निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 4 नवंबर 2023

इस जमाने में

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 मैंने नभ को छोड़ दिया बुतखाने में वायरस संक्रमण मिले इस जमाने में सूर्य रश्मियां छू न सकें अभिलाषी जीव-जंतु सब ऊष्मा के हैं प्रत्याशी धरती ब...
शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2023

सुबह नई

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 भावनाएं रंगमयी मन में सुलह कई  कामनाएं सुरमयी तन में सुबह नई  जीवन पथ पर कर्म के कई छाप कदम सक्रिय रहें सदा राहें नाप स्वास्थ्य चुनौतियां ट...
बुधवार, 18 अक्टूबर 2023

सरणी

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 देखी हो कभी प्रवाहित सरणी हृदय की, बैठी हो कभी  तीरे निःशब्द, निष्काम हृदय धाम नीरे-नीरे, देखी हो चेहरा तट पर ठहरे जल में धीरे-धीरे, एक गंग...
बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

साँसों की अलगनी

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 साँसों की अलगनी भवनाओं का जोर अभिलाषाएं संचित चलन का है दौर अबाधित सांस है उल्लसित आस है पास हो हरदम कहे टूटता विश्वास है निगरानी में ही सं...

चांद बांचता

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 चांद देखा झांकता भोर में बांचता रात भर कुछ सोचता रहा जागता ग्रह-नक्षत्र से जग भाग्य है संचालित सूर्य-चांद से जीव-जंतु है चालित कौन सी ऊर्जा...
मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023

लूटकर

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  बहुत कुछ लूटकर , दिल ना लूट पाए यूं तो मित्रों में अपने , हंसे मुस्कराए   प्रणय का पथ्य भी होता है सत्य प्यार के पथ पर , असुलझे ...
सोमवार, 9 अक्टूबर 2023

हमास

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  युद्ध में जर्मन युवती नग्न लाश झमाक , धमाक , नापाक यह हमास   अचानक रॉकेट से ताबड़तोड़ हमला मोसाद से भी यह घात नहीं...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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