निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

बुधवार, 13 सितंबर 2023

हिंदी दिवस 2023

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 आज बहुत जग धूम मचाए, हिंदी आ सहला दूं सिर थोड़ा सा, हिंदी बार-बार फिर एकबार तू मंचाधीन कहें लोग तू सशक्त तू है प्रवीण भारत के माथे की तू ही ...

हिंदी दिवस

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 बोली में घुली मिश्री लेखन में अंग्रेजी हिंदी दिवस यही देवनागरी की तेजी संविधान से लिपटकर बन गई राजभाषा कार्यालयों में क्यों यह अक्सर लगे तम...
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कुहुक

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 मन की कुहुक निगाहों से हो ध्वनित अभिव्यक्तियों के यूं नज़र हो गईं देखा भी न देखा आंखों की नमी जिंदगी अघोषित एक ग़दर हो गयी कुहुक है नयन का अन...
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सोमवार, 11 सितंबर 2023

बदलियां

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 हवा भी चल रही बदलियों को गुमान है भींगा देंगी अबकी यही तो अभियान है बदलियां घिर रहीं, गरज रहीं, बरस रहीं कितनी प्यासी हैं भिगाने को तरस रही...

चहकती भावनाएं

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चहकती भावनाएं अपेक्षाओं की अलगनी खाली पल में अक्सर इनकी तनातनी   चहक को रिझाती अपेक्षा की भावना अलगनी खूब झुलाती नमी भर कामना नय...
शनिवार, 9 सितंबर 2023

भारत मंडपम-भारतीय भाषाएं

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 भाषा तो हिंदी लिपि कहां है रोमन में लिपटता सारा जहां है भाषिनी की सगर्व है प्रस्तुति स्क्रीन पर रोमन की उपस्थिति जी 20 में देवनागरी कहां है...
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सोमवार, 4 सितंबर 2023

बदन

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 शब्दों में मोड़कर भाव छुपाए किस तरंग की उमंग लीजिए प्रेम बदन में ही ढूंढ रहे ओ विहंग एक प्रबंध कीजिए तन के धरातल भुरभुरे फिसलते और कितना, अब...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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