निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 9 सितंबर 2023

भारत मंडपम-भारतीय भाषाएं

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 भाषा तो हिंदी लिपि कहां है रोमन में लिपटता सारा जहां है भाषिनी की सगर्व है प्रस्तुति स्क्रीन पर रोमन की उपस्थिति जी 20 में देवनागरी कहां है...
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सोमवार, 4 सितंबर 2023

बदन

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 शब्दों में मोड़कर भाव छुपाए किस तरंग की उमंग लीजिए प्रेम बदन में ही ढूंढ रहे ओ विहंग एक प्रबंध कीजिए तन के धरातल भुरभुरे फिसलते और कितना, अब...
शनिवार, 26 अगस्त 2023

स्त्री

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 आप दिव्यता की एकमात्र कड़ी जीव जिज्ञासा है स्त्रीत्व लड़ी आरम्भ से जीत की रणदुदुम्भी जीवन की है अभिनव जलकुंभी इनका सानिध्य उपलब्धियां बड़ी जीव...
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बुधवार, 23 अगस्त 2023

चंद्रयान 3

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 चांद चर्चा में चांदनी है ठिठकी चंद्रयान 3 पर निगाहें हैं अटकी इसरो का कमाल भारत का धमाल चांदनी खड़ी है हाँथ में ले वरमाला प्रज्ञान उतरेगा ढू...
मंगलवार, 22 अगस्त 2023

एक तुम हो

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  सुहाने होते मौसम में भाव पुष्प खिल जाएं युक्ति , चाह हो ऐसी वाह! कहीं मिल जाएं   सदियों से यह कहते प्रणय भाव झुक जाए एक तु...
रविवार, 20 अगस्त 2023

फोटो

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 कविताओं को पढ़कर दृष्टि पहुंचती है अंतिम पंक्ति पर, नीचे छपा रहता है रचनाकार का फोटो, पाठक मन ढूंढता है काव्य भाव प्रकाशित रचनाकार के चेहरे ...
शनिवार, 12 अगस्त 2023

झूठे

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प्यार कहां टूटता रिश्ते हैं टूटे भूल गई झूठी बोलें हर झूठे चाह के हर शब्द, लगें प्रारब्ध कितनी हरकतें, कर रहीं स्तब्ध भावनाएं वहीं, हां तुम ...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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