निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

रविवार, 25 जून 2023

मसखरा

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निर्विवाद व्योम व शालीन धरा बादलों से बड़ा कहां मसखरा सूर्य की प्रचंड रश्मियां धाएं दग्ध धरा शालीन अकुलाए मेघ कामना कृषक आसभरा बादलों से बड़ा ...
शनिवार, 24 जून 2023

इश्क़ भी रहमत है

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यार तुमको भूल जाऊं कैसी हरकत है सुना है जिंदगी में इश्क़ भी रहमत है न हो संवाद शब्द तो भाव भी तो हैं भावनाओं से जग भी तो सहमत है तुम कितनी दू...
शुक्रवार, 23 जून 2023

स्व का सत्य

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  सत्य का उद्गम कहां मवेशियों की चाह है चारागाह की समीक्षा युगों से अथाह है दृष्टि परिधि में विधि तिथि निधि माह है अवलोकन ही तथ्य रीति प्रती...
बुधवार, 21 जून 2023

धड़ाधड़ लेखन भ्रम साहित्य

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शब्द को उलीचते आदित्य हो गए बिन तपे वह तो साहित्य हो गए जो भी लिख दिए वह भाव गहन लाईक टिप्पणियों सानिध्य हो गए एक कोना रोशनी कृत्रिम कर वो र...
सोमवार, 19 जून 2023

मुंतशिर हो गए

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  पहले देखा, बद्र बशीर हो गए चले तो मनोज मुंतशिर हो गए याद शायरी महकी उनकी जुबानी हिंदी की मचलती दिखी रवानी मोहब्बत की बदली नीर हो गए चले तो...
शनिवार, 27 मई 2023

सेंगोल

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कांपती अंगुलियों ने 28 मई 23 को सेंगोल को  नए संसद में किया था स्थापित तब प्रवाहित हुई थी विद्युतीय तरंग सेंगोल से संसद में गुजरती मोदी अंगु...
1 टिप्पणी:
रविवार, 14 मई 2023

नक्को प्यार

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 अवसादों का दे, अभिनव झंकार ना बाबा ना बाबा नक्को प्यार अतृप्त कामनाओं का है निनाद विस्मृत सुधियों का है संवाद पल प्रति पल बस मांगे इकरार ना...
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धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
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