भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
गुरुवार, 12 मई 2022
बुधवार, 11 मई 2022
सोमवार, 11 अप्रैल 2022
रविवार, 10 अप्रैल 2022
शनिवार, 9 अप्रैल 2022
गुरुवार, 7 अप्रैल 2022