निज़ता

भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।

शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

दरमियाँ

›
 आह! प्रणय ओह! प्रणय भावनाओं की नर्मियाँ दो दिलों के दरमियाँ; मन के गुंथन चाहत हो सघन कैसी यह खुदगर्जियाँ दो दिलों के दरमियाँ कह रही धड़कनें ...
1 टिप्पणी:
शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

लता मंगेशकर - श्रद्धांजलि

›
 लता मंगेशकर - सुर देवी - श्रद्धांजलि संगीत की आत्मा चल गई जग छोड़ श्रद्धांजलि पूछे यह क्या इसका है तोड़ युग है भरा-पुरा सुरों का मशवरा स्वर य...
1 टिप्पणी:
मंगलवार, 18 जनवरी 2022

दालान

›
 अहसान के दालान में गौरैया का खोता है, जेठ की धूप खिली मन सावन का गोता है; खपरैले छत छाई लतिकाएं पदचिन्ह दालान भरमाएं दृष्टि कहे बड़ा वह छोट...
गुरुवार, 13 जनवरी 2022

मकर संक्रांति

›
 धर्म जब कर्म के करीब हो जीवन की मिटे सब भ्रांति ऑनलाइन उत्सव मनाएं यूं मन से हो मन मकर सक्रांति लोहड़ी भी संग लिए पोंगल तीन अलग नाम लिए विश...
सोमवार, 27 दिसंबर 2021

उसकी बात

›
 वह कहती है  सब सच नहीं होता  भ्रम है सोशल मीडिया,  मैने कहा  इस मीडिया ने तुम्हें दिया  लगा लगने एक दूजे को  एक है जिया,  झल्लाकर वह बोली  ...
गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

भाव गगरिया

›
 अजबक, उजबक, भाव गगरिया लुढ़क, पुढ़क कर, गांव-नगरिया पनिहारिन सा तृप्त, तृष्णा तट तके लहरों की, मनमौजी डगरिया भाव भूमि की, अभिनव ले तरंगें टूट...
बुधवार, 8 दिसंबर 2021

बिपिन रावत - एक शौर्य

›
प्रशिक्षण महाविद्यालय को युद्ध कौशल का नव पाठ पढ़ाने, नई बात बताने चले बिपिन रावत संग पत्नी नव अफसर को नव राह दिखाने, लगी आग जब हेलीकॉप्टर मे...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
धीरेन्द्र सिंह
हिंदी के आधुनिक रूप के विकास में कार्यरत जिसमें कार्यालय, विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी में देवनागरी लिपि, ऑनलाइन हिंदी समूहों में प्रस्तुत हिंदी पोस्ट में विकास, हिंदी के साथ अंग्रेजी का पक्षधर, हिंदी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी विकास के प्रति विश्लेषण, हिंदी का एक प्रखर और निर्भीक वक्ता व रचनाकार।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.