भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018
गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018
मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018