भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
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शनिवार, 8 जून 2013
सोमवार, 24 दिसंबर 2012
रविवार, 23 दिसंबर 2012
मंगलवार, 23 अक्टूबर 2012
बुधवार, 29 अगस्त 2012