भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
शनिवार, 19 फ़रवरी 2011
मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011
सोमवार, 14 फ़रवरी 2011
रविवार, 13 फ़रवरी 2011
शनिवार, 12 फ़रवरी 2011
शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011