सोमवार, 11 अप्रैल 2022

अजान और चालीसा

 धर्म वर्चस्वता स्वाभाविक

अर्चनाएं भी जरूरी

अजान की गूंज पाक

हनुमान चालीसा ना मजबूरी,


सौम्य और शांत धर्म

कोलाहल भूने जैसे तंदूरी

लाउडस्पीकर मस्जिद में ऊंचा

रामबाण भी तो प्रथा सिंदूरी


माला सब जपें तो पुकार क्यों

धर्म निजता ना जी हुजूरी

धर्म नव व्यवस्थाएं मांगे

कामनाएं सबकी हों अवश्य पूरी।


धीरेन्द्र सिंह

12.04.2022

08.42

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