भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
गुरुवार, 15 मई 2025
बुधवार, 14 मई 2025
मंगलवार, 13 मई 2025
सोमवार, 12 मई 2025
रविवार, 11 मई 2025
शनिवार, 10 मई 2025