भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
रविवार, 15 दिसंबर 2024
शनिवार, 14 दिसंबर 2024
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024
गुरुवार, 12 दिसंबर 2024
बुधवार, 11 दिसंबर 2024