भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
रविवार, 18 अगस्त 2024
गुरुवार, 15 अगस्त 2024
सोमवार, 12 अगस्त 2024
शनिवार, 10 अगस्त 2024