भावनाओं के पुष्पों से, हर मन है सिजता अभिव्यक्ति की डोर पर, हर मन है निजता शब्दों की अमराई में, भावों की तरूणाई है दिल की लिखी रूबाई में,एक तड़पन है निज़ता।
Nijatata काव्य
▼
शनिवार, 27 अप्रैल 2024
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
बुधवार, 24 अप्रैल 2024
मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
सोमवार, 22 अप्रैल 2024